KAVITA AAO EK DESH BANAYEN...

आओं एक  देश बनायें 
अहिंसा प्रेम की कहानी को दोहराते हें  
आओं मिलकर एक नया देश बनाते हें 
इसकी माटी  अनमोल हें 
इसमें उपजे रत्नों का मोल हें 
यहां न भ्रस्टाचार हें 
यहां न हत्याचार हें 
ना गलियों में घुमते सरदार हें 
यहां तो केवल सदाचार हें 
औरतों का मान हें 
सभी का सम्मान हें 
छोटो का प्यार हें 
बड़ो का आशीर्वाद  हें 
हर एक के दिल में बसता यहां प्यार हैं  
सभी धर्म का आदर सतकार हें 
समझो तो यह मेरा देश प्रेम हैं 
नासमझो तो मेरी कल्पना का प्रचार हें  

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  1. अंतर्दृष्टि की नजर

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